हाड़ कपाती ठंड़ और शीतकालीन अवकाश की कोई व्यवस्था नहीं
रायबरेली ब्यूरों
रायबरेली। एक तरफ एसी में बैठने वाले अधिकारियों को ठंड लग रही है और उनके लिए शीतकालीन अवकाश की व्यवस्था की गई है जैसे उच्चतम न्यायालय में शीतकालीन अवकाश, उच्च न्यायालय में शीतकालीन अवकाश, संघ लोक सेवा आयोग में शीतकालीन अवकाश, लोक सेवा आयोग में शीतकालीन अवकाश, केंद्रीय विश्वविद्यालय में शीतकालीन अवकाश, राज्य विश्वविद्यालय में शीतकालीन अवकाश, डिग्री कॉलेजो मे शीतकालीन अवकाश परन्तु प्राथमिक शिक्षा के नौनिहालों नें ना जाने कौन सी गलती की है कि उनके लिए शीतकालीन अवकाश की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। गांव से आने वाले गरीब बच्चे जिनके पास शुद्ध तन पर कपड़ा भी नहीं है। उनको शायद ठंड नहीं लगती है क्योंकि प्रकृति ने ही उनको मजबूत बना दिया है इसीलिए बैठे आलाहाकिम उनके लिए किसी शीतकालीन अवकाश की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। जबकि आलम तो यह है इस समय हाड़ कंपा देने वाली ठंडी मौसम में व्याप्त है जिसमे बच्चे ही क्या बूढ़े भी इससे व्याकुल हैं जिनके पास सारी व्यवस्थाएं हैं वह ही एकदम फिट होकर ही बाहर निकलते हैं। लेकिन यह गरीब बच्चे जाएं तो जाएं कहां किससे फरियाद लगाएं शायद आला अधिकारियों को यह लगता है कि इससे अध्यापक मौज करेंगे इसी को ही वह सोच कर प्राथमिक शिक्षा में शीतकालीन अवकाश की व्यवस्था को नहीं लागू किए हुए हैं लेकिन जब कोई घटना होगी तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा कोई लेने वाला नहीं मिलेगा केवल जबरदस्ती जिम्मेदारी विद्यालय के अध्यापकों के ऊपर थोप दी जाएगी।
मनीष श्रीवास्तव रायबरेली सवांददाता