ये पब्लिक हैं!सब जानती हैं।
रायबरेली ब्यूरों
रायबरेली। सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत डिग्री कॉलेज चौराहे रिलायंस ट्रेड मॉल के पास खड़ी चार पहिया गाड़ी को ट्रैफिक पुलिस द्वारा क्रेन से उठा लिया गया गौरतलब है कि वहां एक और भी गाड़ी खड़ी थी लेकिन वह कोई सरकारी गाड़ी इनोवा क्रिस्टा थी बड़े वाले साहब की लेकिन उसको ट्रैफिक इंचार्ज ने उठाने की जहमत नहीं कि वही जनता की खड़ी गाड़ियों को ट्रैफिक पुलिस उठा ले जाती है।आपको बताते चलें कि जब कानून के रखवाले ही भेदभाव करने लगे तो गरीब और लाचार जनता को कौन न्याय देगा? जी हाँ हम बात करते है, रायबरेली के यातायात पुलिस की जो भेदभाव की भावनाओं से काम कर रही है।मामला डिग्री कॉलेज चौराहे के पास बने रिलायंस ट्रेंड का है जहां अनुराग सिंह परिहार पुत्र विनोद सिंह परिहार निवासी इंदिरा नगर की कार खड़ी थी। वहीं पर जिले के हुक्मरान की प्राइवेट इनोवा कार भी खड़ी थी लेकिन ट्रैफिक इंचार्ज ने उस गाड़ी को छुआ तक नहीं जबकि रोड के किनारे दोनों गाड़ियां खड़ी थी तो क्या सारे नियम और कानून आम जनता के लिए है जिम्मेदाराना अधिकारियों के लिए नहीं विवादों से घिरे रहने वाले ट्रैफिक प्रभारी प्रशांत सिंह भदोरिया निकल रहे।थे तभी रोड़ की साइड में खड़ी गाड़ी पर नजर पड़ी और ट्रैफिक प्रभारी ने तत्काल रिकवरी क्रेन बुलाते हैं। और उठा कर निकल जाते है।वहीं गाड़ी का मालिक मौके पर पहुंचता है और साहब से रहम की दुहाई करने लगता है यातायात प्रभारी के सामने गिडगिडाता रहा और कहता रहा कि साहब जो जुर्माना लेना हो ले लो , लेकिन साहब ने एक न सुनी और सिविल लाइन ट्राफ़िक बूथ पर बुला लिया। लेकिन वही उसी गाड़ी के पीछे एक सरकारी गाड़ी खड़ी रही लेकिन साहब की नजर उस गाड़ी की तरफ क्यों नहीं गई। आखिर किसी बड़े अधिकारी की गाड़ी को रोड में खड़ी करने का परमिशन मिल जाता है। आखिर सरकारी गाड़ी पर यातायात प्रभारी क्यों कार्यवाही करने से कतराते है।
मनीष श्रीवास्तव रायबरेली सवांददाता