हिंदी दिवस पर हुई खानापूर्ति , हिंदी को बढ़ावा देना बस रह गया ढोंग


 


हिंदी दिवस पर हुई खानापूर्ति , हिंदी को बढ़ावा देना बस रह गया ढोंग


 जगतपुर (रायबरेली) अंग्रेजी की ललक और अंग्रेजी की झलक इतनी धारदार हो जाएगी कि शायद हिंदी दिवस को भी हिंदी दिवस  के रूप में मनाने की सोच नहीं बना पाए  जिम्मेदार। भावी पीढ़ी हिंदी के बारे में कहां तक बता पाएगी क्या जान पाएगी यह बहुत ही दुर्लभ विषय है । हम बात कर रहे हैं ब्लॉक तहसील क्षेत्र के इंटर कॉलेज और स्कूलों की जहां हिंदी दिवस के नाम पर मात्र सिर्फ खानापूर्ति की गई ।हमारे रिपोर्टर ने पड़ताल की तो पाया कि कई स्कूल में हिंदी दिवस के अवसर पर कोई भी कार्यक्रम आयोजित ही नहीं किए गए। ना हिंदी के महत्व के बारे में ही बताया गया,जबकि हमारे देश के कवि लेखक और विद्वानों ने हिंदी के महत्व और क्षेत्र में बहुत ही सराहनीय कार्य किए हैं यह हमारे देश के लिए और हमारे समाज के लिए दुर्भाग्य है कि आने वाली पीढ़ी सिर्फ अंग्रेजी समझ पाएंगे अंग्रेजी को बढ़ावा देंगे आखिर क्यों लुप्त होती जा रही है हमारी  हिंदी।


मनीष श्रीवास्तव रायबरेली सवांददाता