नए बाहुबली! रायबरेली में विधायक पुत्र ने ड्राइवर पर झोंका फायर, बंधक बनाकर पीटा : पुलिस मूकदर्शक?
रायबरेली। जनता की सेवा का वादा करके जीतकर आने वाले जनप्रतिनिधि के बच्चे जनता की कितनी सेवा करते हैं। इसका उदाहरण बुधवार को रायबरेली में देखने को मिला। जब एक विधायक के बेटे प्रतीक राज पाण्डेय ने जरा सी बात को लेकर टैक्ट्रर ड्राइवर पर फायरिंग कर दी। फायरिंग ही नहीं बल्कि उसे अपने आवास ले जाकर बंधक बनाकर पीटा। ग्रामीणों को जब इसकी जानकारी हुई, तो सभी ने विधायक के घर का घेराव किया। मामले की जानकारी होने पर मौके पर सीओ सिटी के नेतृत्व में पुलिस पहुंचीं और उसने बंधक बनाए गए युवक को छुड़ाया। इस मामले में हद तो तब हो गई जब पुलिस ने जबरन दबाव बनाकर मामले में दोनों पक्षों से समझौता लिखा लिया। यही नहीं धारा 144 लागू होने के बाद भी फायरिंग करने वाले विधायक के पुत्र पर शांतिभंग तक की एफआईआर नहीं दर्ज की।
बुधवार की शाम को बेहटा गांव निवासी सतीष कुमार टैक्ट्रर लेकर अपने गांव जा रहा था कि तभी पीएसी गेट के पास ऊंचाहार विधायक मनोज पाण्डेय के पुत्र प्रतीक राज पाण्डेय की इकोस्पोर्ट कार में उसका टैक्ट्रर छू गया। कार में टैक्ट्रर छूते ही विधायक पुत्र आगबबूला हो गया और उसने फायरिंग शुरू दी। यही नहीं अपने गार्डों व मित्र करन कुमार के साथ मिलकर टैक्ट्रर ड्राइवर को घर उठा ले गए और वहां पर बंधक बनाकर ड्राइवर को जमकर पीटा। पिटाई करने की सूचना जब पुलिस को मिली वह भी मौके पर पहुंचीं, लेकिन विधायक के घर के आगे कुछ समय के लिए बेबस दिखीं।
इस मामले की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को हुई, तो पीएसी कालोनी के पास स्थित विधायक मनोज कुमार पाण्डेय की कोठी पर पहुंचकर आवास का घेराव करने के लिए पहुंच गए। ग्रामीणों के कोठी का घेराव करने की जानकारी जब पुलिस को हुई, तो मौके पर मिल एरिया थाना व नगर कोतवाली पुलिस पहुंची। एक थाने की पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन विधायक के घर नहीं घुसी। जब दो थानों की पुलिस और सीओ सिटी गोपीनाथ मौके पर पहुंचें, उसके बाद विधायक के घर पहुंचकर बंधक बनाए गए युवक को छुड़वा या। विधायक पुत्र की इस दंबगई पर ग्रामीण देररात तक घर के बाहर डटे रहे। इसकी जानकारी जब सीओ सिटी गोपीनाथ सोनी को हुई तो वह भी मौके पर पहुंचें और ग्रामीणों को आश्वासन दिया और कहा कि लिखित तहरीर दिए जाने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वैसे, उनकी यह बात थाने पहुंचते तक हवाहावी हो गई। थाने में युवक के अंदर इतनी दहशत दे दी गई कि वह मजबूरन में समझौता करने के लिए मजबूर हो गया। वैसे, विधायक के पुत्र की यह दबंगई इस समय पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।, लेकिन पुलिस की कार्रवाई भी उतना ही चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रशासन ने धारा 144 सिर्फ गरीबों और निर्बलों को परेशान करने के लिए ही लगाई है। इसका कुछ नजारा बुधवार को भी देखने को मिला। पब्लिक प्लेस पर विधायक पुत्र ने फायरिंग की लेकिन प्रशासन को कुछ नहीं दिखा। प्रशासन ने विधायक पुत्र के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई एफआईआर भी नहीं दर्ज कराई गई। यही नहीं मौके पर पुलिस भी पहुंचीं, लेकिन पुलिस ने इस मामले में अपनी तरफ से भी एफआईआर नहीं दर्ज कराई। बता दें विगत दिनों रायबरेली में धारा 144 का विरोध करने पर कई लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
विधायक की घर के सामने भीड़ को समझाने के लिए सीओ सिटी गोपीनाथ सोनी ने जो वादा किया था वह थाने में जाकर फुर्र हो गया है। सत्ता पक्ष ही न सही लेकिन एक विधायक के बेटे का मामला होने के कारण पुलिस जिस ताव के साथ आरोपियों को थाने ले गई थी उतनी ही तेजी से वहां पर मामले को मैनेज करने में भी जुट गई। विधायक के सामने वर्दी अपना धर्म भूल गई और वादी को ही बुलाकर समझौते पर दवाब बनाने लगे। कहा यह भी जा रहा है कि पुलिस ने समझौता का दबाव बनाते हुए वादी पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी। जिसकी वजह मजबूरन में पीड़ित को विधायक के साथ में समझौता करना पड़ा। हालांकि इस मामले को दबाने में पुलिस प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को न होने पाए इसके लिए मामले को रात में ही रफा-दफा कर दिया गया।
प्रमोद कुमार सरेनी सवांददाता