उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री लापता।
2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आजमगढ़ की सीट से भाजपा प्रत्याशी भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को 2 लाख 59 हजार 874 मतों से हराया था। तब आजमगढ़ की जनता को लग रहा था कि अखिलेश यादव इतनी बड़ी संख्या से चुनाव जीतने के बाद आजमगढ़ की जनता के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री लापता !
बता दें कि चुनाव से पहले ही कई बार विपक्षी पार्टियों द्वारा अखिलेश यादव के लिए कहा गया था। यह भी अपने पिता मुलायम सिंह यादव के जैसे ही आजमगढ़ से चुनाव जीतने के बाद आजमगढ़ की जनता और आजमगढ़ को भूल जाएंगे। और आज आजमगढ़ से कुछ ऐसी तस्वीरें आ रही है जिससे पता चलता है अखिलेश यादव आजमगढ़ और आजमगढ़ की जनता को भूल गए हैं।
यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में लगे पोस्टर कह रहे हैं।
इस पोस्टर में जिक्र किया गया है कि सीए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम महिलाओं पर हुई पुलिस की बर्बरता पर अखिलेश यादव क्यों चुप है? अखिलेश यादव 2019 के चुनाव के बाद से लापता है पोस्टर में दिखाया गया है कि इसे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विभाग की ओर से जारी किया गया है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रवीण सिंह की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई है। उन्होंने पोस्टर चिपकाने की बात को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा, "अखिलेश यहां के सांसद और विपक्ष के बड़े नेता होने के बावजूद अपनी भूमिका नहीं निभा पा रहे। आजमगढ़ में कई बड़ी घटनाएं हुईं, लेकिन वह चुप हैं।"
हालांकि सपा मुखिया और आजमगढ़ सांसद अखिलेश यादव ने ट्विटर पर पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की थी। उन्होंने लिखा लिखा था कि "हर मंच से गोली की बात करने वाले संवैधानिक मूल्यों की बात कब करेंगे? शांतिपूर्वक धरना लोगों का संवैधानिक अधिकार है। आजमगढ़ में पुलिस की बर्बरता ने सभी हदें पार कर दीं और मैं इसकी घोर निंदा करता हूं! पार्टी के विधायक और संगठन बिलरियागंज में लोगों की सेवा कर रहे हैं!"
रिपोर्ट@त्रिलोकी नाथ