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यूपीपीएससी: आयोग ने आरक्षित वर्ग की चयन प्रक्रिया में किया बदलाव।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एक अहम फैसला लेते हुए पीसीएस सहित अन्य भर्तियों में आरक्षित वर्ग की चयन प्रक्रिया में बदलाव किया है। नई व्यवस्था के तहत अब अंतिम चयन से पूर्व किसी भी स्तर पर अर्हकारी मानक (क्वालिफाइंग स्टैंडर्ड) में छूट का लाभ लेने वाले आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को अंतिम चयन में समायोजित नहीं किया जाएगा।
भले ही उन्हें अंतिम चयन में अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित न्यूनतम कटऑफ अंक से अधिक अंक क्यों न मिला हो। यह व्यवस्था पीसीएस सहित आयोग की हर उस भर्ती में लागू होगी, जिसमें प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार तथा स्क्रीनिंग परीक्षा होती है।
आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि यह निर्णय भर्तियों में आरक्षण को लेकर दाखिल याचिका पर हुए हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस व्यवस्था में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ तो मिलेगा। अब अंतिम चयन में ओवरलैपिंग नहीं होगी।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय की ओर से दाखिल इस याचिका में प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ देने को यह कहते हुए चुनौती दी गई है कि 1994 की यूपी आरक्षण नियमावली में अंतिम चयन में ही आरक्षण का लाभ देने की व्यवस्था बनाई गई है इसलिए अंतिम चयन में ही आरक्षण का लाभ दिया जाए। प्री और मेंस में आरक्षण का लाभ न दिया जाए। आयोग की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल शपथ पत्र में इस निर्णय की प्रति लगाई गई है। इस याचिका पर चार मार्च को सुनवाई संभावित है।
क्या है आयोग का निर्णय
किसी भी परीक्षा में जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार तथा स्क्रीनिंग परीक्षा सम्मिलित है, में आरक्षित वर्ग (एससी, एसटी, ओबीसी एवं ईडबल्यूएस) के अभ्यर्थियों द्वारा यदि किसी स्तर पर चयन प्रक्रिया में खुली प्रतियोगिता के आधार पर किसी अर्हकारी मानक में शिथिलीकरण/छूट का लाभ न लिया हो तो उन्हें ही अंतिम रूप से अनारक्षित श्रेणी में समायोजित किया जाए, यदि वे अंतिम चयन में अनारक्षित श्रेणी के न्यूनतम कटऑफ अंक से अधिक अंक प्राप्त करते हैं। अन्यथा वे अंतिम चयन तक अपनी संबंधित श्रेणी में ही रहेंगे।
रिपोर्ट@त्रिलोकी नाथ