दिल्ली के अमन पसंद हिन्दू- मुस्लिम भाइयों ने दंगाइयों के मंसूबों को किया नाकाम
गंगा जमुनी तहजीब को बरकरार रखते हुए सियासत को किया दरकिनार, मुस्लिम समुदाय के लोग मंदिर की हिफाजत करते नजर आए
लखनऊ । ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय महासचिव मुस्तकीम मंसूरी ने आज लखनऊ में जारी एक बयान में कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा भाजपा सरकार द्वारा प्रायोजित थी जिसको केंद्र व दिल्ली सरकार सांप्रदायिक दंगा होना प्रसारित कर रही है जो गलत है उन्होंने कहा वास्तविकता क्या है कि भाजपा ने चुनाव में हिंदू-मुस्लिम बनाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन इसके बावजूद जबरदस्त हार का मुंह देखना पड़ा, नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कारियों को भयभीत अथवा आतंकित कर के प्रदर्शन को नाकाम बनाने की कोशिश के तहत पुलिस संरक्षण में आरएसएस और भाजपा के दंगाइयों से मुसलमानों पर हमला करवा कर उनको जानी माली नुकसान पहुंचाया गया और दिल्ली में एक बार फिर 1984 जैसे हालात पैदा करने की योजना बनाई गई थी लेकिन दिल्ली के अमन पसंद हिंदू मुस्लिम भाइयों ने दंगाइयों के मंसूबों को नाकाम कर दिया, साथ ही हिन्दू ने मुसलमानों की हिफाजत कर उनको घरों में पनाह दी और सिख भाइयों ने मुस्लिमो के लिए सभी गुरुद्वारे के दरवाजे खोलकर उनको बचाया और मुसलमानों ने हिंदू की हिफाजत के लिए उनका साथ दिया साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगो ने मंदिर की हिफाजत करने के लिए मंदिर के सामने ढाल बनकर खड़े रहे, एक जगह तो हिन्दू और मुस्लिम लोगों ने सड़कों पर निकलकर पैदल मार्च किया और नारे लगाए कि हम अपनी कालोनी का माहौल नही बिगड़ने देंगे हिंदू मुस्लिम एकता जिंदाबाद, हम सब एक है जैसे नारे लगाकाकर एकता की मिसाल दी, सभी धर्म के लोगों ने इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश करके दंगा भड़काने और साम्प्रदायिकता फैलाने वालों के मुंह पर तमाचा मारा और हिंदुस्तान कि गंगा जमुनी तहजीब पर सियासत को हावी नही होने दिया ।
संविधान विरोधी नारे लगाकर किया गया था सांप्रदायिकता का जहर घोलने का प्रयास
श्री मंसूरी ने कहा कि जब अमित शाह के शहर उनका मंत्री सांसद संविधान विरोधी नारे लगाकर सांप्रदायिकता का जहर घोलने का प्रयास कर रहा था जिसको वहां की जनता ने नकार दिया और अब हार के बाद कपिल मिश्रा को न सिर्फ भड़काऊ भाषण देने गोवा पुलिस कमिश्नर को धमकी देने की खुली छूट केंद्र सरकार द्वारा दी गई बल्कि उसे पुलिस का सहयोग भी मिला, ऐसे में केंद्र सरकार को दिल्ली बचाने का कोई प्रयास करने के बजाए गृहमंत्री व पुलिस कमिश्नर से मुख्यमंत्री की शांति कायम करने की अपील करना अफसोस जनक है उसे दिल्ली सरकार के राजधर्म का निर्वाह करना चाहिए था जो उसने भी नहीं किया श्री मंसूरी ने कहा इससे लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहीं न कहीं आर एस एस से अंदर कहीं न कहीं कोई समझौता है श्री मंसूरी ने दिल्ली हाईकोर्ट की सराहना करते हुए कहा कि जस्टिस मुरलीधर ने रात में सुनवाई करके पुलिस प्रशासन को कड़ी फटकार ना लगाई होती तो दिल्ली पूरी तरह दंगाइयों के हवाले हो जाती हालांकि दिल्ली को बचाने के लिए न्यायमूर्ति मुरलीधर साहब द्वारा उठाए गए न्याय प्रिय व सराहनीय कदम से अपने नापाक मंसूबों में नाकाम होने पर केंद्र सरकार ने उनका ट्रांसफर कर दिया जिसकी तमाम देशवासी घोर निंदा कर रहे हैं साथ ही सरकार के नापाक मंसूबों की भी आलोचना हो रही है उन्होंने दिल्ली की जनता से शांति व भाईचारा बनाए रखने की अपील करते हुए राष्ट्रपति महोदय से दिल्ली की शर्मनाक और दुखद घटना की उच्च न्यायालय से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की, साथ ही दंगे में मारे गए हैं लोगों के परिवारों को 25 लाख 25लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने तथा दुकानों मकानों की पूरी क्षति पूर्ति दिए जाने अब घायलों का बेहतर से बेहतर इलाज कराने की मांग की उन्होंने कहा दंगे में जो भी निर्दोष लोगों को मुलजिम बनाया गया है मुस्लिम मजलिस उन सभी लोगों की कानूनी सहायता भी करेगी ।
रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी