दैनिक जागरण अखबार ने छाप दी गलत खबर लोगों ने अखबार जलाकर किया विरोध।
आज वह दौर है जिस दौर में मीडिया की कलम को सत्ता की सियाही डालकर चलाया जा सकता है । एक मीडिया जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है और जिस कलम से मीडिया को सच्चाई लिखने की ताकत दी जाती हैं । लेकिन आज वह दौर है जिस दौर में मीडिया की कलम को सत्ताधारी उंगलियों से चलाया जा रहा है जो मन में आ रहा है वो लिखा जा रहा है। जिस खबर को लिखा जा रहा है वह कितनी सच्ची है इस बारे में बिना जानकारी लिए अपने मन के अनुसार खबर को लिखना हमारे देश की मीडिया जिसे आजकल गोदी मीडिया कहा जाता है उसने सीख लिया है। जितनी शिहाई डालोगे यह कलम उतनी ही तेज दौड़ेगी ।
अब बात करते हैं घरों पर दैनिक आने वाला अखबार दैनिक जागरण की वैसे तो यह बहुत पुराना अखबार है अगर युवाओं से ये पूछा जाए कि यह अखबार आप कब से देख रहे हो तो युवा भी इसका यही जवाब देंगे कि हम जन्म से इस अखबार को देखते चले आ रहे हैं। लेकिन आज दौर ऐसा है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया जिसे सत्ता के दबाव ने बहुत कमजोर कर दिया है उसे जिस तरीके से चाहे उस स्तंभ को घुमाया जा सकता है। कल जब इस अखबार ने एक गलत खबर छाप दी तब सोशल मीडिया पर लोग इस अखबार का बहिष्कार करने लगे इस अखबार को जलाने लगे। इस खबर को लेकर समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया।
दरअसल इस अखबार ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का फोटो लगाकर एक खबर छापी जिसमें लिखा गया था कि लॉक डाउन के बाद सस्ती मिलेगी शराब इस हैडलाइन के बाद अंदर ख़बर में लिखा गया था उत्तर प्रदेश के प्रदेश सरकार ने देशी-विदेशी शराब बियर के कारोबारियों को शराब बेचने की अनुमति दे दी है लॉक डाउन की स्थिति में शराब पी जा सकती है लेकिन यह शराब की दुकानें लॉक डाउन खत्म होने के बाद ही खुलेंगे यानी 3 मई को लॉक डाउन खत्म है तो इस अखबार के अनुसार 4 तारीख को शराब की दुकानें खोली जा सकती हैं इस खबर में उत्तर प्रदेश के पूर्वमुख्यमंत्री अखिलेश यादव का खबर के बीचो-बीच फोटो लगाया गया जैसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं बल्कि अखिलेश यादव हैं।
देखते ही देखते ट्विटर पर दैनिक जागरण अखबार ट्रेंड होने लगा। लोग अपने घरों से अखबार निकालकर जलाने लगे और उसका फोटो और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने लगे। वहीं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अपने घरों से अखबार निकालकर जलाने लगे। देखिए सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर लोगों ने क्या प्रतिक्रियाये दी ।
टि्वटर पर मंजरी सिंह अपने ट्वीट में लिखती हैं कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश जी के व्यक्तित्व को पदनाम करने की साजिश के खिलाफ दैनिक जागरण अखबार की प्रतियां जलाकर समाज में दैनिक ज़हर को फैलने से रोकें।
वहीं अभिषेक सिंह इस खबर को लेकर ट्वीट करते हैं कि अखबार के गोरखपुर संस्करण में राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीर को गलत तरीके से छापने पर माफी मांगे समूह दोषी पर कार्रवाई हो नहीं तो वैधानिक कार्यवाही एवं बहिष्कार घोर निंदनीय।
वहीं रत्नेश शेफर्ड ने ट्वीट किया कि गांव शहर माताओं बहनों ने इस महिला विरोधी अखबार का अंतिम संस्कार कर मुक्त कर दिया है क्या आपने ऐसा किया।
तबलीगी जमात को लेकर छापी थी फर्जी खबर
इस अखबार का झूठी खबरों से पुराना नाता है इस अखबार ने 15 अप्रैल को एक खबर चलाई कि पुलिस ने 11 जमातियों को दबोचा। इस अखबार ने अपनी खबर में बताया कि कुशीनगर के तुर्क पट्टी आने के मधुरिया चौकी पर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है इसमें 10 नेपाली लोग हैं और 11 तबलीगी जमात के लोग हैं जिन्हें हिरासत में ले लिया गया है और इन्हें अस्पताल भेज दिया गया है इसके बाद इस खबर में आगे लिखा गया 7 मार्च को खैरी गांव में एक मस्जिद में यह लोग शामिल हुए थे वही छुप-छुप रह रहे थे और इधर-उधर घूम रहे थे इस खबर को लेकर दैनिक जागरण अखबार ने अपने पेज पर खास जगह दी।
जब इस अखबार की खबर कुशीनगर पुलिस को मालूम हुई तो कुशीनगर पुलिस ने अपने बयान में बताया कि हमने लोगों को गिरफ्तार तो किया है और उनके सैंपल भी लिए गए हैं जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है हमने उनको क्वॉरेंटाइन कर दिया है हमने इनके बारे में जानकारी जुटाई है जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं इनका तबलीगी जमात से कोई लेना देना नहीं है और मीडिया ऐसी खबरें ना चलाये जिससे समाज में तनाव फैले।
कठुआ मामले में भी चलाई थी फर्जी खबर
इस अखबार ने कठुआ मामले में भी फर्जी खबर चलाई थी जिसमें इस अखबार में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को भी झूठा साबित करने की कोशिश की थी और इस अखबार ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को गलत बताया ।
आज सुबह करीब 11:00 बजे समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया जाता है । कि दैनिक जागरण अखबार द्वारा प्रकट किए गए खेद को हम स्वीकार करते हैं और भविष्य में कभी ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी।
अब आप देख ही सकते हैं कि इस अखबार ने कितनी गलतियां की हैं और यह अखबार कह रहा है कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी ।
नितिन कुमार शुक्ला आगरा सवांददाता