शिक्षा क्रांति के अग्रदूत ज्योतिबा राव फूले का 193 वां जन्मदिन मनाया गया-सुनील दत्त
सुनील दत्त
अध्यक्ष
भारतीय बौद्ध महासभा रायबरेली
शिक्षा क्रांति के अग्रदूत ज्योतिबा राव फूले का 193 वां जन्मदिन मनाया गया ।पूरे देश में 25 मार्च से कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सम्पूर्ण लॉक डाउन चल रहा है । इस वजह से ज्योतिबा राव फूले के अनुयायी लॉक डाउन का पालन करते हुए न तो बुद्ध विहार गए और न ही अंबेडकर पार्क गये , बल्कि अपने घरों पर ही उनका जन्म जयंती धूमधाम से मनाये।
इसी कड़ी में छजलापुर निवासी भारतीय बौद्ध महासभा रायबरेली के जिला अध्यक्ष सुनील दत्त ने भी अपने परिवार वालों के साथ ज्योतिबा राव फूले की 193 वीं जयन्ती मनायी। उन्होंने बताया कि ज्योतिबा राव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सातारा में हुआ था । उनका विवाह 13 वर्ष के आयु में 1840 में प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले से हुआ था। उनके पिता का नाम गोविंदराव फूले और माता का नाम चिमनाबाई था । उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर 1848 में असहाय और गरीब बालिकाओं के लिए पहला विद्यालय खोला था । उनके इस कार्य की वजह से 1852 में अंग्रेज सरकार ने उन्हे सम्मानित किया था। उन्होंने 1873 में सत्यशोधक समाज की स्थापना कर नारी शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया । उन्होने गुलामगिरी और किसान का कोड़ा नामक प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं । लोगों की सेवा करते हुए वे 28 नवंबर 1890 को परिनिर्वाण को प्राप्त हुए।
इसी प्रकार अंबेडकरनगर में महासभा के संरक्षक धनीराम बौद्ध और महामंत्री प्रमोद कुमार, जवाहर विहार कॉलोनी में उपाध्यक्ष अनिल कुमार सरोज ने भी ज्योतिबा राव फूले की जयंती घर पर ही मनाई ।
मनीष श्रीवास्तव