-नमाज के बाद एक खास दुआ मांगी गई ताकि देश में जल्द कोरोना वायरस का खात्मा हो और लोगों को इस बीमारी से निजात मिल सके–
-फिरंगी महली ने कहा कि हम मुसलमानों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने लॉकडाउन में कहीं पर भी कोई गलती नहीं की और नियमों का पालन करते हुए घरों में इबादत की–
-ईद के लिए भी इसी तरह के नियम लागू हैं, लोग अपने घरों में ही नमाज पढ़ेंगे, घरों में सेवई जरूर बनाई जाए लेकिन एक दूसरे के घर ना जाएं, लोग बिना गले मिले ही ईद का त्योहार मनाएं, फोन पर एक दूसरे को मुबारकबाद दें–
लखनऊ, 22 मई 2020, लखनऊ मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान अब खत्म होने के कगार पर है, पूरा महीना लॉकडाउन में ही बीत गया, रमजान के महीने में नमाजियों से भरे रहने वाली मस्जिदों और रोजेदारों से गुलजार रहने वाले बाजारों में इस बार पूरी तरह सन्नाटा रहा. रमजान का अंतिम शुक्रवार भी उसी सन्नाटे में बीत गया, पिछले रमजान में अलविदा रमजान बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया था. मस्जिदों में हजारों की संख्या में लोगों ने नमाज अदा की थी, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते लोगों ने अपने घरों पर ही अलविदा की नमाज पढ़ी, जबकि मस्जिदों में मात्र पांच लोगों ने नमाज अदा की।
लोगों से की गई थी अपील..
लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने अलविदा की नमाज अदा कराई, उनकी नमाज में महज पांच लोग थे जो मस्जिद के ही खिदमत करने वाले थे, मौलाना ने नमाज के बाद कहा कि रमजान में गाइडलाइन जारी थी और लोगों से अपील की गई थी कि वो मस्जिदों में नमाज पढ़ने ना आएं और घरों पर ही नमाज का एहतिमाम करें. वहीं लोगों ने भी इसका पूरी तरह से पालन किया, फिरंगी महली ने कहा कि हम मुसलमानों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने लॉकडाउन में कहीं पर भी कोई गलती नहीं की और नियमों का पालन करते हुए घरों में इबादत की।
नमाज के बाद मांगी गई खास दुआ..
उन्होंने कहा कि नमाज के बाद एक खास दुआ मांगी गई ताकि देश में जल्द कोरोनावायरस का खात्मा हो और लोगों को इस बीमारी से निजात मिल सके, उन्होंने कहा कि ईद के लिए भी इसी तरह के नियम लागू हैं. लोग अपने घरों में ही नमाज पढ़ेंगे, घरों में सेवई जरूर बनाई जाए लेकिन एक दूसरे के घर ना जाएं, लोग बिना गले मिले ही ईद का त्योहार मनाएं और फोन पर एक दूसरे को मुबारकबाद दें, लखनऊ की सबसे बड़ी मस्जिद ईदगाह आसिफी, मस्जिद इमामबाड़ा, टीले वाली मस्जिद जैसे तमाम बड़ी मस्जिदों में सन्नाटा रहा. रमजान के दौरान कई मस्जिदों के बाहर पुलिस का पहरा रहा ताकि कोई भी नमाज पढ़ने मस्जिदों में न आए।
रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी